
शक्ति ही नारी है: संघर्षों से सफलता तक दिल्ली की मनीषा गुप्ता की प्रेरक कहानी
रिपोर्ट: लाइव न्यूज़100 | विशेष संवाददाता | दीपक शर्मा
दिल्ली-6 की गलियों से मलेशिया और सिंगापुर तक का सफर — मनीषा बनीं हजारों महिलाओं की प्रेरणा
पुरानी दिल्ली की तंग गलियों में जन्मी और वहीं पली-बढ़ी मनीषा गुप्ता आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि नारी सशक्तिकरण की जीती-जागती मिसाल हैं। वो मिसाल जिन्होंने समाज की संकीर्ण सोच, पितृसत्तात्मक परंपराओं और सीमाओं को तोड़कर न सिर्फ अपने लिए, बल्कि असंख्य महिलाओं के लिए नई राह बनाई।
बेटी होना अपराध समझा जाता था, पर मनीषा बनीं बदलाव की आवाज
मनीषा एक ऐसे समाज से आती हैं जहां बेटियों को बोझ और बेटों को वरदान माना जाता था। लेकिन उन्हें अपने माता-पिता पर गर्व है, जिन्होंने इन रूढ़ियों को नकारा और अपनी बेटी को न केवल पढ़ाया-लिखाया, बल्कि आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट्स की भी ट्रेनिंग दिलवाई। उनके पिता स्वयं थर्ड डान ब्लैक बेल्ट हैं और उन्होंने ही मनीषा को इस दिशा में प्रेरित किया।
छठी कक्षा से मार्शल आर्ट्स, फिर राष्ट्रीय स्तर पर चमक।
मार्शल आर्ट्स में उनकी प्रतिभा को कोच संजय पासी ने पहचाना और उन्हें लड़कों के साथ अभ्यास करवा कर शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया। नतीजा ये हुआ कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में मनीषा ने एक के बाद एक गोल्ड मेडल हासिल किए।
AFMC का सपना टूटा, पर टेक्नोलॉजी में मिली नई उड़ान
डॉक्टर बनने का सपना लेकर AFMC की परीक्षा दी, लेकिन सीमित सीटों और माँ की गंभीर बीमारी के कारण वह सपना अधूरा रह गया। तभी जीवन में आए उनके मामा-मामी – श्रीमती अनामिका हक्सर और श्री रविंदर साहू, जिन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए मनीषा को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और बाद में MBA (IT) की पढ़ाई करवाई। इसके बाद HCL से उनके कॉर्पोरेट करियर की शुरुआत हुई।
आज DXC टेक्नोलॉजी में प्रोजेक्ट मैनेजर, लेकिन दिल समाज सेवा में।
आज मनीषा DXC टेक्नोलॉजी में एक जिम्मेदार प्रोजेक्ट मैनेजर हैं, लेकिन उनकी असली पहचान समाज सेवा से है। उन्होंने नेत्रदान, वृद्धाश्रमों में सहयोग, मूक-बधिर बच्चों के लिए डिजिटल साक्षरता जैसे कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2018 में भी उनकी भागीदारी प्रशंसनीय रही।
समाज ने बदली नजर, अब मिल रहा सम्मान
जिस समाज ने कभी मनीषा के माता-पिता को लड़कियों की शिक्षा के लिए ताने दिए थे, वही समाज आज मनीषा को "प्रतिभा सम्मान" जैसे मंचों पर आमंत्रित कर रहा है। मनीषा के इस बदलाव ने उनके मोहल्ले की कई लड़कियों को प्रेरणा दी है।
Mrs. India 2025 – 'Inspiration of India' में जीत और सम्मान
अपने विचारों और सेवाभाव को राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाने का मंच उन्हें Mrs. India 2025 – ‘Inspiration of India’ प्रतियोगिता से मिला, जिसमें मनीषा को द्वितीय रनर अप घोषित किया गया।
शो की आयोजिका पूनम बिष्ट को मनीषा अपना प्रेरणास्त्रोत मानती हैं। इस भव्य आयोजन में लेफ्टिनेंट कर्नल विपिन बख्शी ने मनीषा के सम्मान में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया।
“सिर पर ताज नहीं, सेवा चाहिए” — नारी जागरण की अलख जगा रही हैं मनीषा
मनीषा गुप्ता का कहना है,
"मैं केवल शोभा बढ़ाने वाला मुकुट नहीं चाहती, मैं वह मुकुट चाहती हूं जो सेवा, नेतृत्व और ईमानदारी से कमाया जाए। मेरा लक्ष्य है – समाज से दहेज, घरेलू हिंसा और स्त्री के प्रति भेदभाव जैसी कुरीतियों को समाप्त करना।"
मनीषा की शिक्षा दिल्ली के लक्ष्मी देवी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पहाड़ी धीरज से शुरू हुई और आगे की पढ़ाई दयानंद मॉडल स्कूल, मंदिर मार्ग से पूरी की।
एक संदेश, एक मिशन
मनीषा का जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर नारी को सही अवसर और समर्थन मिले, तो वह समाज की दिशा बदल सकती है। उनका मिशन अब है – हर महिला के भीतर छिपी शक्ति को पहचान दिलाना।