नई दिल्ली: नोएडा में सुपरटेक लिमिटेड (Supertech Limited) के 40 मंजिला दो अवैध टावर मामले में SIT ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) ने एक महीने की गहन जांच-पड़ताल के बाद विस्तृत रिपोर्ट औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को सौंपी है। एसआईटी रिपोर्ट में, सुपरटेक मामले में नोएडा विकास प्राधिकरण के 26 अधिकारियों की संलिप्तता को उजागर किया गया है।
एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश शासन ने एक्शन भी ले लिया है।जारी किए गए बयान में कहा गया है कि एसआईटी की रिपोर्ट में नोएडा प्राधिकरण के जो छब्बीस अधिकारी दोषी पाए गए हैं उनमें से दो की मृत्यु हो गई है, 4 अधिकारी सेवारत हैं और 20 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। सेवारत चार अधिकारियों में से एक का निलंबन हो चुका है। अब तीन अधिकारियों को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू की जा रही है। रिटायर हो चुके अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्यवाही करने का आदेश जारी किया जा चुका है।
सुपरटेक लिमिटेड के 4 निदेशक और 2 आर्किटेक्ट भी फंसेउत्तर प्रदेश शासन ने प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण के संलिप्त पाए गए अधिकारियों, सुपरटेक लिमिटेड के 4 निदेशकों और 2 आर्किटेक्ट के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान में एफआईआर दर्ज कराते हुए सतर्कता इकाई को विवेचना के निर्देश जारी किए हैं।
शासन ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम 1976 और उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (प्रमोशन ऑफ कंस्ट्रक्शन, ओनरशिप एंड मेंटिनेंस) अधिनियम 2010 के प्रावधानों के उल्लंघन को मद्देनजर रखते हुए नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक लिमिटेड के दोषी अधिकारियों के खिलाफ उक्त अधिनियमों के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में मुकदमा दाखिल करने के भी निर्देश दिए हैं।
मामले में एसआईटी द्वारा दो आर्किटेक्ट इंस्टीट्यूट को भी चिन्हित किया गया है। इसलिए इन संस्थानों और संलिप्त आर्किटेक्ट के खिलाफ समुचित कार्यवाही के लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर को भी बिना देरी किए संदर्भ प्रेषित करने का निर्देश दिया गया है।
Credit: नवभारतटाइम्स