आख़िर कौन नहीं चाहता है कि उसे सस्ती कीमत पर अच्छी प्रॉपर्टी मिल जाए। अच्छी प्रॉपर्टी और उस पर अच्छी Deal मिले तो यह तो सोने पर सुहागा वाली बात हो जाती है। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India e-auction) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda e-auction) ऐसी ही कुछ प्रॉपर्टीज का मेगा ई-ऑक्शन (mega e-auction of properties) यानी नीलामी करने वाले हैं, जो अच्छी भी हैं और बेहद सस्ती थी। वैसे यहां से प्रॉपर्टी खरीदने के फायदे तो हैं, लेकिन कई नुकसान भी हैं।

आइए जानते हैं सबके बारे में।

बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से होने वाला ई-ऑक्शन 22 अक्टूबर को होगा, जबकि भारतीय स्टेट बैंक प्रॉपर्टीज की नीलामी 25 अक्टूबर को करेगा। बैंक समय-समय पर इस तरह की नीलामी करते रहते हैं। यह दरअसल गिर्वी रखी हुई प्रॉपर्टीज होती है, जो डिफॉल्ट किए जाने पर बैंक नीलाम कर देता है और अपने पैसे रिकवर करता है। इस नीलामी के तहत रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के साथ-साथ कमर्शियल प्रॉपर्टी भी नीलाम होंगी।

अगर आप बैंक की नीलामी से प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसका मालिकाना हक हासिल करने में आपको साल भर तक का लंबा वक्त लग सकता है। यानी आपका काफी समय लीगल प्रोसीडिंग में चला जाएगा। इतना ही नहीं, कई बार ऐसी प्रॉपर्टीज पर पुराना मेंटेनेंस बकाया रहता है, साल भर में कुछ डैमेज हो सकते हैं या कुछ और तरह के थर्ड पार्टी के बकाया होते हैं, जिन्हें घर के मालिक को चुकाना होता है। यानी अगर आप ऐसी प्रॉपर्टीज खरीदते हैं तो हो सकता है कि आपको कई तरह के झंझटों में फंसना पड़ जाए, जिसके बारे में आपको पता ही ना हो।

अगर ऐसी प्रॉपर्टी पर उसे खरीदने के बाद किसी थर्ड पार्टी का क्लेम आता है तो शायद ही कोई बैंक आपकी मदद के लिए आगे आए। तो अगर आप ऐसी प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो पहले उस पर अच्छे से रिसर्च कर लें और इस बात के लिए तैयार रहें कि आपका काफी समय लीगल प्रोसीडिंग में जाएगा।

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