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कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के विरोध में किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की और कहा कि किसानों को आंदोलन का हक है, लेकिन आप किसी शहर को बंद नहीं कर सकते हैं!
किसानों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए’सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम आपको (किसानों को) प्रदर्शन से नहीं रोक रहे हैं, प्रदर्शन करिए, लेकिन प्रदर्शन का एक मकसद होता है. आप सिर्फ धरना पर नहीं बैठक सकते है. बातचीत भी करनी चाहिए और बातचीत के लिए आगे आना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें भी किसानों से हमदर्दी है. हम केवल यह चाहते हैं कि कोई सर्वमान्य समाधान निकले!
किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई टलीसुनवाई के दौरान कोर्ट में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे. सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी हो रही है, ऐसे में अब मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच करेगी.’प्रदर्शन के सामान के दाम बढ़े’हरीश साल्वे ने कहा, ‘प्रदर्शन के कारण ट्रांसपोर्ट पर असर पड़ा है और इस कारण सामान के दाम बढ़ रहे हैं. अगर सड़कें बंद रहीं तो दिल्ली वालों को काफी दिक्कत होगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का मतलब ये नहीं कि किसी शहर को बंद कर दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ‘प्रदर्शन में मौजूद किसानों में से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं. कोविड-19 (Covid-19 एक चिंता का विषय है. किसान यहां से गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे. किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते.’