विशेष संवाददाता :नई दिल्ली

नई दिल्ली,19 फरवरी 2021

यह पेंडमिक अब एंडेमिक बनने की ओर जा रहा है लेकिन अभी भी पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है -सत्येंद्र जैन

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कोरोना महामारी के दौरान काम कर रहे लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के 76 फ्रंट लाइन कोरोना वर्कर्स को दिल्ली विधानसभा भवन में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया। स्वास्थ्य मंत्री ने एलएनजेपी अस्पताल को कोरोना के खिलाफ अद्भुत लड़ाई लड़ने के लिए पूरे देश में एक अलग मिसाल पेश करने को लेकर बधाई दी। ढाई हजार बेड वाला एलएनजेपी अस्पताल पूरे देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल था। उन्होंने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल से अब तक 11 हजार से भी ज्यादा मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं। एलएनजेपी अस्पताल भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का, 2500 बेड वाला सबसे बड़ा कोविड डेडिकेटेड अस्पताल हैI उन्होंने एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डाॅयरेक्टर डॉ. सुरेश को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी निगरानी में प्लाजमा थेरेपी का ट्रायल कर उसे सफल बनाया। इसके साथ ही, उन्होंने सभी फ्रंट लाइन वरियर्स के काम की सराहना की।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के फैलने के तरीके और इसके इलाज को समझना बहुत ही मुश्किल कार्य था, लेकिन इसके लिए दिल्ली के डॉक्टरों ने जिस तरह से नए-नए तरीके अपनाए, वह काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने इटली के स्वास्थ्य सेवाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के पीक के दौरान वहां के अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं थी। दिल्ली सरकार ने इससे निपटने के लिए बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा मुहैया कराई, जिससे लोग अपने घर में आइसोलेट होकर टेली-कंसल्टेशन के जरिए डॉक्टर की निगरानी में अपना इलाज करा लेते थे। इसके लिए डॉक्टर्स की तरफ से उन्हें दिन में दो बार कॉल कर उनका हाल चाल जाना जाता था।

उन्होंने दिल्ली सरकार के द्वारा मरीजों को दी गई सुविधाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि “15 मिनट में एंबुलेंस पहुंचना हो या हर कोरोना मरीज के घर ऑक्सीमीटर पहुंचाना हो, हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स ने अपने काम को पुरी शिद्दत के साथ पूरा किया आगे उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज सुव्यवस्थित ढंग से हो, इसके लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी और प्राइवेट दोनों ही अस्पतालों में बेड मुहैया करवाया।आगे उन्होंने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल ने लगातार मरीजों की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब पूरी दुनिया वेंटिलेटर की बात कर रही थी, तो दिल्ली सरकार ने बाईपप और एचएनएफसी मशीन को अपनाया, जिससे यह पता चला है कि वेंटीलेटर सबसे अंतिम सहारा है, उसके पहले बाईपप और एचएनएफसी मशीन के उपयोग से भी मरीज ठीक किए जा सकते हैं। इसके बाद में हमारे इस सुझाए गए सलाह को केंद्र सरकार ने भी अपने प्रोटोकॉल में शामिल किया। उन्होंने सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने काम किया है, वह काबिले तारीफ है। साथ ही उन्होंने डॉ. असीम गुप्ता जैसे कोविड वारियर्स को याद किया, जिन्होंने कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए अपनी शहादत दी।स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल के सभी डॉक्टर्स एवं स्टाफ को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की है।

इसके बाद उन्होंने स्पेनिश फ्लू के बारे में बताते हुए कहा कि 100 साल बाद ऐसी महामारी आई है, जिसके इलाज को लेकर हमारे पास पहले से कोई प्रोटोकॉल्स नहीं था, लेकिन बहुत कम समय में ही हमने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण स्थापित कर लिया और कोरोना के मामलों को नियंत्रित करने में दिल्ली देश का नंबर वन राज्य बन गया। उन्होंने कहा कि कैसे कोरोना के शुरुआती मामले आने के बाद लोगों ने हम पर आरोप लगाए, लेकिन हमने उसको हमेशा साकारात्मक रूप में देखा और निरंतर सुधार करते गए और जो कमियां थीं, उसको दूर किया। आज एलएनजेपी अस्पताल के हर एक वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके साथ ही सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम की भी स्थापना की गई, ताकि सभी मरीजों पर ध्यान दिया जा सके। सिर्फ यही नहीं, मरीजों को उनके घर वालों से बात करवाने के लिए वीडियो कॉलिंग फैसिलिटी की भी सुविधा भी सबसे पहले एलएनजेपी अस्पताल में ही उपलब्ध कराई गई।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “मैं कामना करता हूं कि कोरोना जैसी महामारी फिर कभी न आए और यह हमेशा के लिए चली जाए।” उन्होंने आगे कहा कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीने में कोरोना की तीन लहर आने के बाद लगा था कि यह लहर दोबारा आने की कोई उम्मीद नहीं है। अब ऐसा लगता है कि यह पेंडमिक नहीं एंडेमिक बन गया है। उन्होंने कहा कि अन्य बीमारियों की तरह कोरोना के भी नए केस आते रहेंगे, लेकिन पहले वाला खतरा अब नहीं आना चाहिए। एक समय था, जब 8600 मरीज एक दिन में आते थे, अब पिछले 2 महीने में इतने केस नहीं आए हैं।

अंत में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “यह खतरा भले ही कम हो गया है, लेकिन अभी भी हमें सतर्कता बरतनी चाहिए। जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना इत्यादि, जिससे यह वायरस हमेशा के लिए चला जाएगा। उन्होंने इम्यूनिटी के संबंध में कहा कि इंसान को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खुश रहना चाहिए, जिससे उसकी इम्यूनिटी बूस्ट होती रहे और उससे सामने वाले की भी इम्यूनिटी बढ़ती रहें। अगर आप खुश हैं, तो आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ती रहेगी।”

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