संवाददाता :मेघा दहिया

भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित त्रिलोकपुर गांव निकट नहान जिला सिरमौर की मध्यम ऊंचाई की पहाड़ियों में माता बाला सुंदरी को समर्पित एक मंदिर है । कथाओं के अनुसार सोलवीं सदी में यह मंदिर जयपुर के राजा प्रदीप प्रकाश के द्वारा स्थापित किया गया था । इस स्थान को मां वैष्णो देवी का बाल रूप स्थान माना जाता है ।

देवी महामाया बाला सुंदरी का मंदिर

देवी महामाया बाला सुंदरी का मंदिर उत्तरी भारत के लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है । यह मंदिर उत्तर भारत में स्थित हरियाणा प्रदेश के निवासियों की कुलदेवी स्थान भी माना जाता है । यह शक्तिपीठ की एक और विशेषता है । कोरोना काल में इस स्थान पर अब तक कोई भी कोरोना पीड़ित नहीं पाया गया , भक्तों के अनुसार यह देवी महामाया की कृपा है । कोरोना की सुरक्षा की व्यवस्था में यहां खास इंतजाम किए हुए हैं,जैसे थर्मल स्कैनिंग, हर द्वार पर सेंसर सैनिटाइजर , बिना मास्क के प्रवेश वर्जित ।

स्थानीय मान्यताओं के साथ इस मंदिर के बाहर स्थित ध्यानू भगत का मंदिर की भी मान्यता है । मुख्य द्वार से मंदिर की ओर चलकर शिव मंदिर भी रास्ते में स्थित है , यह मंदिर एक सरोवर के मध्य बना हुआ है । ललिता माता के मंदिर की भी एक कथित गथा है । मंदिर के रास्ते का द्वार मुख्य मंदिर की सड़क पर स्थित है और लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई पर है । त्रिलोकपुर माता बाला सुंदरी के मंदिर पर पहुंचने के लिए पहले औद्योगिक नगरी कालाअंब पहुंचना पड़ता है ।

फोटो :मंदिर मे दर्शन करने पहुँचे भक्त

नवरात्रों के अवसर में नहान से त्रिलोकपुर मेले के लिए लंबी कतार लग जाती है । मंदिर ट्रस्ट ने पिछले तीन दशकों के दौरान त्रिलोकपुर गांव में कई विकसित कार्य किए है । यहां पर भक्तों के रुकने की व्यवस्था के लिए मंदिर की धर्मशाला भी प्रसिद्ध है ।

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