संवाददाता: ब्यूरो चीफ :अब्दुल बासित ( दिल्ली/एनसीआर)

उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं लखनऊ के 11 सालो तक महापौर रहे डॉक्टर दिनेश शर्मा एवं पूर्वी दिल्ली के पूर्व महापौर श्याम सुन्दर अग्रवाल के बीच नगरीय व्यवस्था को कैसे सुदृढ़ किया जाए इस विषय पर लंबी बातचीत हुई,दोनो ने अपने अपने अनुभवों को साझा किया।

डॉक्टर दिनेश शर्मा ने गाजीपुर लैंडफिल साइड को 15 मीटर कम किए जाने को लेकर कहा कि इसे निगम की उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए ये उपलब्धि तब हुई जब दिल्ली सरकार ने कोई सहायता नहीं की क्योंकि निगम भाजपा शासित थी इसके बावजूद निगम ने अपने साधनों से आय अर्जित कर कर्मचारियों का वेतन देते हुए सफाई व्यवस्था एवं विकास कार्य किए,दिल्ली सरकार नहीं चाहती थी कि निगम कर्मचारियों को वेतन मिले।

उन्होंने कहा दिल्ली सरकार द्वारा सहायता न मिलने के बाद भी सभी महापौर एवं निगम पार्षद बधाई के पात्र है क्योंकि विपरीत परिस्थितियों में उनका काम अद्भुत था गतिरोधों के बावजूद वो नगरीय समस्याओं को सुलझाने में कामयाब रहे,अवैध कॉलोनियों में सुविधाएं देना,पिछले 5 सालो में कोई भी कर ना बढ़ाना, कोरोना काल में अद्भुत कार्य करते हुए जहां विपक्ष के पार्षद अपने घरों में दुबके हुए थे वही भाजपा के पार्षद अपनी जान जोखिम में डालकर घर घर जाकर हर प्रकार की सहायता पहुंचाने,सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने,दवाइयों,हर घर में सैनिटाइजर का छिड़काव ताकि महामारी न फैले,जरूरतमंदों को भोजन,दवाइयों की व्यवस्था करने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहां आने वाले समय में बिना कोई कर बढ़ाए गलियों का निर्माण, दिल्ली को स्वच्छ पानी मिले इसके लिए सरकार पर दबाव,मार्ग प्रकाश की व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए सोलर लाइट की व्यवस्था करेंगे।

डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बातचीत में कहा निगम के स्कूलों में स्मार्ट क्लास भी बढ़ाई जाएगी, योगा टीचर के लेक्चर को अपलोड करके उसका स्कूलों में प्रचार,प्रत्यक्ष शिक्षा के साथ साथ ऑनलाइन शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। पूर्व महापौर श्याम सुन्दर अग्रवाल ने कहा निगम ने पिछले कार्यकाल में निगम के स्कूलों में ऐतिहासिक विकास करते हुए निगम स्कूलों को दिल्ली सरकार के स्कूलों से बेहतर बनाया है इसे और बेहतर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के स्कूलों की तर्ज पर पुराने छात्रों को सम्मेलन के माध्यम से जोड़कर उनके सहयोग,सलाह से बेहतर बनाया जाएगा।

स्कूलों में सैन्य शिक्षा,स्पोर्ट्स,योग शिक्षा,कंप्यूटर शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।

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