संवाददाता: डॉक्टर शरद वार्ष्णेय

जो लोग पिछले कई महीनों से समाज की सेवा में लगे हुए थे लगातार जनता से संपर्क में थे उनमें निराशा की लहर दौड़ गई कुछ ने इस आरक्षण के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराने की बात कही तो कुछ ने इसको स्वीकार कर लिया।
इनमें से ही एक चेयरमैन पद के प्रत्याशी वारिस अली किराना वालों से हमारे संवाददाता शरद वार्ष्णेय की बातचीत हुई।
जिसमें वारिस अली का कहना है सेवा का भाव यदि दिल में हो तो पद कोई मायने नहीं रखता चेयरमैन नहीं तो सभासद के रूप में ही जनता की सेवा करेंगे।
वारिस अली अपने वार्ड नंबर 5 से सभासद का चुनाव लड़ रहे हैं इसके अलावा कई ऐसे प्रत्याशी है जो अभी भी उधेड़बुन में लगे हुए हैं पूरा कस्बा चुनावी चर्चाओं में खोया हुआ है माहौल बड़ा दिलचस्प है देखना है की इस चुनावी खेल में किसकी नैया पार पहुंचती है।