लेखिका:ज्योतिष आचार्य पारुल चौधरी
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन लोग एक दूसरे के गले मिलकर रंग लगाते हैं, जिसे धुलेंडी या रंग वाली होली कहते हैं। इस बार 28 मार्च को होलिका दहन होगा और 29 मार्च को धुलेंडी मनाई जाएगी। इन दोनों ही दिनों का धार्मिक महत्व तो माना ही गया है साथ ही ज्योतिषशास्त्र में भी इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

यदि आपके जीवन में किसी प्रकार की समस्याएं हैं या फिर आप शत्रुओं से परेशान हैं तो होली की राख के कुछ कारगर उपायों को करके आप इन सभी परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
जानते हैं होली की राख के उपाय।
यदि आपकी नौकरी या फिर व्यापार समस्याएं आ रही हो तो होलिका दहन के समय उल्टी ओर से होलिका की परिक्रमा करते हुए उसमें आक की जड़ को अग्नि में डाल दें। इसके बाद वहीं पर खड़े होकर कार्यक्षेत्र की समस्याओं से मुक्ति प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
मान्यता है कि यह उपाय बहुत ही कारगर है और कुछ ही दिनों में इसका अप्रत्याशित लाभ देखने को मिलता है,
लेकिन इस उपाय को करते समय ध्यान रखें कि अपने मन में किसी के प्रति दुर्भावना न रखें।
कई बार जीवन में एक के बाद एक दिक्कतें आने लगती हैं, जिसके कारण कुछ लोग मानते हैं कि किसी की बुरी नजर लग गई है या फिर किसी तांत्रिक क्रिया के कारण ऐसा हो रहा है। यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी ने आपके ऊपर कोई तांत्रिक क्रिया कर दी है, जिसके कारण आपके जीवन में समस्याएं आ रही हैं तो होलिका दहन के समय एक पान लेकर उसके ऊपर एक बताशा, थोड़ी सी मिश्री, एक लौंग का जोड़ा देशी घी में डुबोया हुआ, ये सारी चीजें होलिका की अग्नि में प्रज्वलित कर दें।
अगले दिन जब होलिका की अग्नि शांत हो जाए तो होलिका की थोड़ी सी राख लाकर उसे चांदी में ताबीज की तरह जड़वा लें। इस ताबीज को अपने गले में धारण करें। मान्यता है कि इससे किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति का भय नहीं रहता है। इसके अलावा माना जाता है कि आपका शत्रुओं से भी बचाव रहता है।
अप्रैल में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन, इन राशियों की बढ़ेगी धन-संपत्ति, वैवाहिक जीवन होगा सुखी!
Jupiter Transit 2021 देवगुरु बृहस्पति अलगे महीने 6 अप्रैल मंगलवार को मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस राशि में देवगुरु बृहस्पति 14 सितंबर तक रहने के बाद वक्री अवस्था में पुनः मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जहां 20 नवंबर 2021 तक रहेंगे।
कई बार जीवन में एक के बाद एक दिक्कतें आने लगती हैं, जिसके कारण कुछ लोग मानते हैं कि किसी की बुरी नजर लग गई है या फिर किसी तांत्रिक क्रिया के कारण ऐसा हो रहा है। यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी ने आपके ऊपर कोई तांत्रिक क्रिया कर दी है, जिसके कारण आपके जीवन में समस्याएं आ रही हैं तो होलिका दहन के समय एक पान लेकर उसके ऊपर एक बताशा, थोड़ी सी मिश्री, एक लौंग का जोड़ा देशी घी में डुबोया हुआ, ये सारी चीजें होलिका की अग्नि में प्रज्वलित कर दें।
अगले दिन जब होलिका की अग्नि शांत हो जाए तो होलिका की थोड़ी सी राख लाकर उसे चांदी में ताबीज की तरह जड़वा लें। इस ताबीज को अपने गले में धारण करें। मान्यता है कि इससे किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति का भय नहीं रहता है। सके अलावा माना जाता है कि आपका शत्रुओं से भी बचाव रहता हैयदि आपको धन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कई दिनों से कहीं पर आपका धन अटका हुआ हैं परंतु बहुत प्रयासों के बाद भी व्यक्ति धन नहीं लौटा रहा है तो जिस स्थान पर होलिका दहन किया जाता है, वहां पर अनार की लकड़ी से उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसके पास आपका धन है। उसके बाद उस स्थान पर हरे रंग का थोड़ा सा गुलाल डाल दें। जब होलिका दहन हो जाए तो उस स्थान की राख लाकर बहते जल में प्रवाहित कर दें।
मान्यता है कि इससे आपका अटका हुआ धन जल्दी ही वापस मिल जाता है और आपकी धन संबंधित सभी समस्याएं भी दूर होने लगती हैं।
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